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छुट्टी पर गए जीआरपी और आरपीएफ जवान बुलाए गए, वापस

छुट्टी पर गए जीआरपी और आरपीएफ जवान बुलाए गए, वापस 

बांदा,। पाकिस्तान पर लगातार हो रहे हमले के बाद से पुलिस के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ जवानों की छुट्टी रद कर दी गई है। जो छुट्टी पर गए थे, उन्हें बुला लिया गया है। जीआरपी की तरफ से स्टेशन से गुजरनेवाली हर ट्रेन में गहन जांच-पड़ताल की जा रही है। वहीं, आरपीएफ ने रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है।

बांदा स्टेशन आरपीएफ थाना प्रभारी एसआई अतुल कुमार ने बताया कि वह बच्चे की तबीयत खराब होने पर छुट्टी लेकर अलीगढ़ गए थे। छुट्टी कैंसिल करते हुए उन्हें बुला लिया गया। बताया कि थाने में दो एसआई समेत 22 लोगों का स्टाफ है। बांदा स्टेशन से कबरई, बदौसा और रागौल तक पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी है। रागौल और बदौसा में दो-दो स्टाफ पेट्रोलिंग के लिए रहता है। वहीं, अन्य स्टाफ के साथ तीनों रूट पर खुद पेट्रोलिंग करते हैं। जीआरपी इंस्पेक्टर नवेंदू शेखर ने बताया कि जीआरपी थाना बांदा में उनके समेत 55 लोगों का स्टाफ है। स्टेशन से 10 सवारी ट्रेनों में थाना से जीआरपी स्टाफ सुरक्षा को रवाना होता है। यहां पर रुककर गुजरनेवाली हर ट्रेन में गहन जांच-पड़ताल कराई जा रही है। साथ ही स्टेशन परिसर और आसपास की दुकानों पर भी नजर रखी जा रही है। कोई संदिग्ध लगने पर गहन पूछताछ और जांच-पड़ताल की जा रही है। जिन-जिन ट्रेनों में जीआरपी स्टाफ रवाना होता है। उनसे वीडियो कॉल के साथ पूरी ट्रेन में गश्त कराई जाती है।

जम्मू-कश्मीर यात्रा के 30 टिकट कैंसिल: बांदा से जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के लिए कोई भी सीधी ट्रेन नहीं है। यहां से कनेक्टिव टिकट बनती है। स्टेशन मास्टर ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद से अब तक जम्मू-कश्मीर की 30 टिकटें कैसिंल लोग कैंसिल करा चुके हैं।

कमांड में 10 साल सर्विस की है। पाकिस्तान में आतंकवाद की फैक्ट्री वहां के सैन्य अफसरों की निगरानी संचालित होती है। हमें उनके ठिकानों को पूरी तरह नेस्तानाबूत करना होगा। वर्तमान सरकार ने सेना को खुली छूट दी है। -नंद किशोर शुक्ला, सूबेदार मेजर,

विश्व समुदाय को लेते हुए आतंकियों पर कार्रवाई की गई। पाकिस्तान को प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए थी। 1971 की जंग में पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए थे। इस बार पीओके वापस लेंगे। फिर भी पाकिस्तान नहीं रुका तो उसके दोबारा दो टुकड़े होंगे। -एलएस यादव, रिटायर कैप्टन

भारतीय सेना के सभी ग्रुप में सेवाएं दी हैं। हम नाजायज दबाव नहीं डालते हैं। अगर हमारी तरफ कोई प्रहार करता है तो सेना ठोस कार्रवाई के साथ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। बांदा के सभी पूर्व सैनिक जंग में भाग लेने के लिए तैयार हैं।

 

डीसी श्रीवास्तव, सूबेदार प्रशिक्षक,

 

कारगिल युद्ध में भाग लिया था। एयर स्ट्राइक और पहले होनी चाहिए था। सरकार हमें इस जंग में मौका देती है तो खुद को भाग्यशाली समझेंगे। हमने अपनी ड्रेस रेडी कर रखी है। पाकिस्तान को इस बार सही सबक सिखाना है। -विजय कुमार, कैप्टन

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